Me wit my love

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Saturday, January 21, 2012

प्यार...? दोस्ती...? भाग 6


वो किचिन में आंटी के पास गया।


आकाश- आंटी आपको  समीर कैसा लगा….?


आंटी- अच्छा लड़का है। मिश्रा जी को हम लोग बहुत पहले से जानते है। दिल्ली में होने के बावजूद हम इन लोगो के संपर्क में थे।


आकाश- आपने देखा जिया का स्वभाव समीर के सामने बदल जाता है।


आंटी- हाँ वो तो है। लेकिन तुम कहना क्या चाहते हो?


आकाश- मै ये बोल रहा हूँ की आप जिया और समीर की बात मिश्रा अंकल से क्यों नहीं करते।


आंटी- ना बाबा ना। पिछली बार तुम्हारी और जिया की जब बात की थी तो वो बहुत गुस्सा हो गयी थी।


आकाश- अच्छा मै जिया से बात करता हूँ फिर आप जिया से बात कर लेना।


समीर के जाने के बाद जिया और आकाश बात करने लगे।


आकाश- अच्छा बंदा है ना समीर


जिया- ठीक है।


आकाश- हाँ हाँ जब सामने बेठा हुआ था तेरी नज़र उससे हट नहीं रही थी।


जिया- एसा कुछ नहीं है।


आकाश- सच्ची सच्ची बता. अच्छा लगा ना तुझे वो।


जिया- परेशान मत कर।


आकाश- बता ना। मुझसे क्या शर्मा रही है।


जिया(मुस्कुरा के)- हाँ अच्छा था।


आकाश- तो तेरी बात करवाता हूँ।


जिया- तू पागल है क्या...


आकाश- बचपन से


जिया– बकवास मत कर


आकाश- जब तू उससे बात कर रही थी तेरी शक्ल देखना चाहिए थी। मै आंटी से बोलता हूँ कि तेरी और उसकी 
तेरी बात करने के लिए।


जिया- अभी रुक जा थोड़ी समय।


आकाश जिया को डेरी मिल्क किलकार बोलता है


आकाश- चल खा ली ना डेरी मिल्क चल अब शुभ काम भी कर ले। शुभ काम मे देरी कैसी?


आकाश जिया की मम्मी के पास गया और मुस्कुराने लगा।


आंटी- क्या हुआ?


आकाश- आपकी लड़की ने हाँ बोल दी है। शादी की तयारियां शुरू कीजिये।


आंटी- शादी… अभी उन लोगो से बात भी नहीं हुई है।


आकाश-  वैसे भी उन्हें जिया जैसी अच्छी बहू कहा मिलेगी? वैसे भी इसकी जल्दी शादी करवाओ। इसको मना कर दिया तो लड़का नहीं मिलेगा


आंटी- हट पागल...!!!


थोड़े दिन के बाद समीर और जिया की शादी हो गयी। उसके कुछ दिन के बाद आकाश और अनामिका ने भी शादी कर ली।


अनामिका- जल्दी चलिए देर हो रही है। जिया और समीर  इंतज़ार कर रहे है।


आकाश अपनी यादों से बाहर आया और महसूस किया की वो वहाँ पीछे 5 min से खड़ा है। आज समीर और जिया की शादी की दूसरी सालगिरह थी। आकाश ने जल्दी से अपना कोट उठाया और समीर जिया और अनामिका के साथ डिनर पर चला गया।

Tuesday, January 03, 2012

प्यार...? दोस्ती...? भाग 5

अब रोज़ रात को अनामिका और आकाश के बीच मेसेज का सिलसिला चलता। ये सिलसिला फ़ोन में तब्दील हो  गया। आकाश दिन में जिया को पिछली रात की कहानी सुनाता।


आकाश- Thanks यार। तेरी वजह से मुझे मेरा सच्चा  प्यार मिल गया। अब मै तुझे लड़का पटाने में मदद करूँगा।


जिया- तू रहने दे। किसी भी लड़के को पटना मेरे बाये हाथ का खेल है।


आकाश- हाँ तो ठीक है ना। देखते है।


एक दिन जिया अपनी मम्मा के साथ शौपिंग करने गयी। जिया और आंटी के हाथ में बहुत सारे बेग थे। तभी 
एक लड़का सामने से आकर बोला “हेलो आंटी क्या मै आपकी मदद कर सकता हूँ।”


आंटी- Its ok बेटा। हम लोग बस पास ही में जा रहे थे।


लड़का- पास में…? मुझे लगा आप लोग घर जा रहे थे।


इतने में जिया बोल पड़ी।


जिया- तुम्हे कैसे पता हमारा घर कहाँ है। तुम हमारा पीछा कर रहे हो।


लड़का- लगता है आंटी आपने मुझे पहचाना नहीं। जिया को मै दोष नहीं दूंगा बहुत साल हो चुके है उसे मुझे देखे हुए।


आंटी(थोड़ी सोच के)- नहीं बेटा सॉरी।


लड़का- आंटी मै समीर।


आंटी- समीर… अरे तुम मिश्रा जी के लड़के हो ना।


समीर मुस्कुरा दिया। जिया अभी तक समझ नहीं पाई थी।


आंटी- बेटा इतने साल कहाँ थे। कितने बड़े हो गए हो।


समीर- आंटी डैड के ट्रान्सफर के बाद वापस यहाँ आना ही नहीं हुआ। बस वही के हो के रह गए। डैड के retirement  के बाद वो बोले की यही वापस आके रहना सही है।


आंटी(जिया से)- बेटा ये समीर है। तुम्हारे और आकाश के साथ स्कूल में था।


समीर- अरे हाँ आकाश कहाँ है? क्या कर रहा है वो आजकल?


आंटी- बेटा अब तुम घर चलो वही सारी बातें करेंगे। सबसे मिल भी लेना। आकाश भी अभी यही है।


समीर- लाइए आंटी अब तो कुछ बेग मुझे दे दीजिये।


जिया- हाँ थोड़े से मेरे से भी ले लो। बहुत भारी है।


समीर- इतनी हट्टी कट्टी लड़की हो खुद नहीं उठा सकती।


आंटी और समीर हंस दिए। जिया झेप गयी। ये लोग जिया के घर के ओर चल दिए।


आंटी(घर पर)- जिया आकाश को कॉल करके यही बुला लो।


जिया(फोन पर)- ओये क्या कर रहा है।


आकाश- कुछ ख़ास नहीं क्यों …।


जिया- घर आ जा मम्मा ने बुलाया है।


आकाश- कोई ख़ास काम…।


जिया- मेरे और तेरी शादी की बात करने के लिए नहीं बुला रही है। तू सवाल बहुत पूछता है।


आकाश- अच्छा ठीक है। आ रहा हूँ।


आकाश जैसे ही जिया के घर में घुसा सोफे पर बता समीर बोल पड़ा।


समीर- आओ ठाकुर आओ।


आकाश- अबे समीर तू यहाँ… कैसे? मेरा मतलब है कितने टाइम के बाद मिल रहा है. What’s up man?


समीर- अँगरेज़ की औलाद सुधर जा।


जिया(आंटी से)- मुझे कैसे याद नहीं समीर।


आंटी- पता नहीं।


जिया बस समीर को देखता ही जा रही थी।


आकाश - कहाँ खो गयी जिया।


जिया- मै…मुझे क्या हुआ है?


आकाश स्थिति को बांपता हुआ बोला- और समीर, कोई girlfriend है की नहीं।


समीर(जिया को देखता हुए)- कहा यार आजकल अच्छी लडकियों मिलती कहाँ है।


समीर और जिया के बीच की chemistry आकाश ने महसूस कर ली थी।