Me wit my love

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Wednesday, November 30, 2011

प्यार...? दोस्ती...? भाग 4


अगले दिन आकाश और जिया फिल्म देखने गए।


आकाश- हम ये फिल्म देखने क्यों आए है।


जिया- मुझे ये फिल्म देखनी है इसलिए।


आकाश- तुझे पता है ना मुझे love stories पसंद नहीं है।


जिया- चल चुपचाप अभी।


जैसे ही आकाश ठेटर में घुसा, उसे एक लड़की दिखाई दी और वो उसे 
देखता ही रह गया। बिलकुल हिंदी फिल्म का सीन चल रहा हो जैसे। उसके लिए समय जैसे वही ठहर गया। वो वापस अपने होश में तब आया जब जिया ने उसे हिलाया और कहा “क्या हुआ बे”


आकाश- जिया मुझे प्यार हो गया.


जिया- किसे...?


आकाश- वो सामने लड़की देख रही है। उससे।


जिया- तू पागल तो नहीं हो गया ना. बस एक बार किसी को देखा और प्यार हो गया। एसा थोड़ी ना होता है।


आकाश- हाँ होता है। तुझे नहीं पता क्या। तेरे शाहरुख की फिल्म में तो होता है। मै तो इसी से शादी करूँगा। तुने कहा था ना की तू मेरे लिए लड़की ढून्देगी। इसे पटाने में मेरी मदद कर।


जिया- मै क्या मदद करू।


आकाश सोचने लगा और सोचते सोचते अपनी सीट पर आकर बेठ गया। वो अभी सोच ही रहा था कि वो लड़की उसके साथ वाली सीट पर आकर बेठ गयी। उसके एक तरफ जिया बेठी थी और दूसरी तरफ वो लड़की।


जिया- अबे ये ही वो लड़की है ना। सोलिड किस्मत है तेरी।


आकाश- किसी महान व्यक्ति ने कहा है(अपने शाहरुख ने ) अगर किसी 
चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है।


जिया- बस बस ज्यादा ड़ाइलोग मत मार और मुझे उसके पास बेठने दे तभी तो में उससे बात कर पाऊँगी।


आकाश- नहीं मुझे उसे देखना है। तू फिलहाल फिल्म देख और मुझे उससे देखने दे।  तू इंटरवल में उससे बात कर लेना जब में तेरे लिए पोपकोर्न लेने जाऊंगा।


जिया- लेकिन…


आकाश- Ssss… चुपचाप फिल्म देख।


इंटरवल के बाद जब आकाश वापस आकर बेठा तो वो लड़की आकाश से बोली “हेलो मेरा नाम अनामिका है”


आकाश- "आकाश"।


और दोनों हाथ मिलते है


आकाश(जिया के तरफ देखते हुए)- तुने इसको क्या बोला।


जिया- ये लडकियों का राज़ है। तू आम खा ना गुठलिया क्यों गिन रहा है।


आकाश - बता ना


जिया- Ssss… चुपचाप मूवी देखने दे। तू उससे बात कर।


आकाश(अनामिका से)- ये love stories कितनी interesting होती है।


अनामिका- तुम लड़के होकर ये बोल रहे हो।


आकाश- हम भी एक लेखक है। थोड़ी बहुत love stories हम भी लिख लेते है. Professionally I am a pilot.


अनामिका- Wow. मै interior designer हूँ।


जिया(आकाश का कल्लर पकड़ते हुए)- तू कितना कमीना है।


आकाश- Guys are supposed to be “kamina”


जब तक फिल्म ख़तम हुई अनामिका और आकाश की अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। दोनों ने एक दुरसे से नंबर लिया और अपने अपने घर चले गए।

Saturday, November 26, 2011

प्यार...? दोस्ती...? भाग 3


कुछ दिन बाद जिया और आकाश का 10th का रिजल्ट आया। दोनों के बहुत अच्छे नंबर आये। जिया ने कॉमर्स ले लिया और आकाश ने गणित। आकाश NDA की तयारी के लिए दिल्ली चला गया। आकाश का NDA में चयन हो गया और वो देहरादून चला गया। यहाँ जिया B.Com पड़ने लगी। रोज़ फ़ोन पर बात होती थी। जब चार साल बाद आकाश ट्रेनिंग खत्म कर के घर आया तो हर कोई खुश था। तब जिया B. Com कर रही थी।  आकाश जिया से मिलने गया. जिया के पापा उसे समझा रहे थे की उन्होंने जिया के लिए लड़का देखा है लेकिन जिया शादी करने से इनकार कर रही थी। उसे अपनी पढाई पूरी करनी थी।


अंकल- जिया मैने तुम्हारे लिए एक लड़का पसंद किया है।


जिया- पापा मुझे अभी शादी नहीं करनी है। मुझे MBA करना है।


आकाश (घर में घुसते हुए)-कर ले ना शादी वैसे भी शादी के बाद तो तुझे घर पर ही बेठना है। कौन सा तेरे ससुराल वाले तुझे काम करने देंगे।


अंकल- अरे आकाश… तुम कब आये?


आकाश- बस अंकल सुबह ही आया।


जिया- तू चुप रह। तू आया ही क्यों? तू फ़ोन पर ही अच्छा लगता है।


अंकल- जिया…


आकाश- हाँ हाँ तभी कोई मुझसे कह रहा था की तू जल्दी आ। तेरे बिना मज़ा नहीं आता। I miss you


अंकल- अच्छा जिया लड़का बहुत अच्छा है और तुम शादी के बाद भी पढाई पूरी कर सकती हो। लड़के को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। वो लोग हमारे अच्छे dost है। बल्कि तुम भी उनको जानती हो। लड़का बहुत होशियार है


अंकल(आकाश की तरफ देखता हुए)- वो air force में है।


जिया- पापा कौन है?


जिया और आकाश एक दुसरे को देखते है।


जिया- पापा प्लीस ये नहीं बोलना की वो आकाश है।


अंकल- हाँ वो ही तो है। क्यों कोई प्रॉब्लम है क्या? तुम दोनों एक दुसरे को बचपन से जानते हो।


जिया- आपने एसा सोच भी  कैसे लिया की मै और आकाश एक दुसरे से प्यार करते है।


अंकल- अरे मै तुम दोनों को बचपन से देख रहा हूँ। आज तक तुम दोनों ने कभी कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड नहीं  बनाया और अगर कोई तुम दोनों के बीच आना चाहा तो तुम्हारी नजदीकियों ने किसी को जगह नहीं दी। हर  कोई यहाँ पडोसी रिश्तेदार यही जानते है की तुम दोनों ही शादी करोगे।


जिया- लोग तो कुछ भी कहते है। लोगो का तो काम ही होता है कहना। ये आकाश ने आपसे कुछ कहा क्या?


जिया(आकाश से)- ओये खडूस तुझे मुझसे शादी करनी है...? मुह तोड़ दूंगी तेरा मै।


आकाश जो इतनी देर से उन दोनों की बातें सुन रहा था बोल पड़ा- पागल है क्या...नहीं


आकाश(अंकल से)- हम दोनों एक दूसरे से प्यार नहीं करते है। माना की हम हमेशा एक दूसरे के साथ रहते है, एक दूसरे को परेशान करते है, कभी कभी एक दूसरे की मदद भी करते है। Basically अंकल we are friend. Jiya is my best friend not my girlfriend


अंकल- बेटा ये तुम क्या कह रहे हो। तुमने तो हमारी चिंता बड़ा दी। हम तो ये ही सोच के बेठे थे की तुम दोनों आपस मे शादी करोगे. बल्कि मैने तुम्हारे मम्मी पापा से भी बात कर ली थी।


जिया- पापा आपको हमसे पहले पूछना तो चाहिए था।


आकाश- आप टेंशन ना लो अंकल मै इसके लिए कोई लूला लंगड़ा अँधा बहरा जैसा भी कोई ना कोई लड़का ढून्ढ के लूँगा।


Jiya- ओये….


आकाश- क्यों तुझे लड़की चाहिए क्या…


जिया- तू पिटेगा मुझसे।


आकाश- नहीं बता दे चाहिए तो... 


जिया- नहीं। और मै तेरे लिए कोई काली बेंगी डायन टाइप की लड़की ढून्ढ के लुंगी।


आकाश- चल तो फिर ये तय रहा की तू मेरे लिए लड़की ढून्देगी और मै तेरे लिए लड़की।


जिया- ओये...


आकाश- अच्छा ठीक है लड़का।


अंकल- आजकल के बचे उफ़। हमारे ज़माने मे तो शादी हो जाती थी फिर पता चलता था की लड़की कौन है।


आकाश- अंकल अब वो ज़माना गया। हम नयी पीडी के बच्चे है।


आकाश जिया को लेकर उसके कमरे मै जाते हुए उसके कंधे पर हाथ रखता है और कहता है “वैसे आईडिया बुरा नहीं है तेरे लिए भी लड़की ढूँढने है। क्या बोलती है ”


जिया -लात खायगा या घूंसा…

Wednesday, November 16, 2011

प्यार...? दोस्ती...? भाग 2

समय अपनी रफ़्तार से चल रहा था किसी को खबर भी नहीं हुई और  ये दोनों बड़े होते चले गए देखते ही देखते दोनों 16 साल के हो गए एक बार देर रात आकाश जिया के घर की खिड़की से जिया के रूम में घुसा जिया अपने बिस्तर पर लेती हुई थी


आकाश(फुसफुसाते हुए)- hey जिया…. सो गयी क्या मोटी….?


जिया को लगा खिड़की पर कोई है वो चिल्लाने ही वाली थी की आकाश बोल पड़ा


आकाश- ओये चिल्लाना मत. मै हूँ यार आकाश


जिया खिड़की तक गयी


जिया- आकाश इस समय तू यहाँ क्या कर रहा है पापा ने देख लिया तो बहुत गुस्सा करेंगे तू जा यहाँ से आकाश खिड़की से अंदर आ जाता है


जिया- ये क्या कर रहा है मै तुझे जाने के लिए बोल रही हूँ और तू अन्दर आ रहा है


आकाश- बाहर लटकता हुआ अच्छा नहीं लग रहा था पडोसी देखेंगे तो क्या सोचेंगे


जिया- तू पागल है क्या


आकाश- बचपन से अच्छा वो छोड़ मुझे कुछ पैसे उधार चाहिए


जिया - पहले से ही तुझे मेरे को Rs 1000 देने है न


आकाश- दे दूंगा ना। मै कहाँ भागा जा रहा हूँ


तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई है  “जिया तुम सो गयी क्या”


जिया- नहीं मम्मा बस सोने ही जा रही थी


जिया(आकाश से)- तू अलमारी में छुप जा. जल्दी!!!


काश अलमारी में जा के छुप जाता है और जिया दरवाज़ा खोलती है


आंटी- ये लो जिया ढूढ़ पी लो अच्छी नींद आएगी


जिया- मम्मा आपको पता है ना मुझे ढूध पीना पसंद नहीं है


आंटी- चल चुपचाप  पी ले अब वो आकाश को देख रोज़ ढूध पीता है ना


जिया ने कुछ सोचा और कहा "अच्छा ठीक है आप टेबल पर रख दो मै पी 
लुंगी।"


आंटी टेबल पर ढूध रख  कर चली गयी जैसे ही आंटी बाहर निकली आकाश अलमारी मे से निकला


आकाश- कितनी गर्मी थी अन्दर में बस मरने ही वाला था


जिया- ये ले ढूध पी ले


आकाश- लेकिन ये ढूध तो तेरे लिए है ना


जिया- तुझे पता है ना मुझे ढूध कितना पसंद है. चल अब चुपचाप पी ले 


आकाश- लेकिन...


जिया- पैसे चाहिए की नहीं...


आकाश- ये अच्छी ज़बरदस्ती है


जिया- कितने चाहिए?


आकाश- Rs 500


जिया- अबे क्या घर से भाग रहा है


आकाश- नहीं दोस्तों के साथ long drive पर जा रहा हूँ पेट्रोल के पैसे 
नहीं है


जिया पर्स से पैसे निकलते हुए “कब वापस देगा”


आकाश- जल्दी दे दूंगा मेरी जान


वो  जिया को किस किया और खिड़की से नीचे चला गया जिया खिड़की  पर कड़ी हो कर उससे जाते हुए देखी और मुस्कुराने लगी तभी उसकी मम्मी आई “ढूध पी लिया तुमने. Very good


जिया ठिठक गयी


आंटी - खिड़की पर क्या कर रहो ठण्ड लग जाएगी चलो खिड़की बंद करो


जिया वापस अपने बिस्तर पर आ कर लेट गयी