Me wit my love

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Wednesday, November 16, 2011

प्यार...? दोस्ती...? भाग 2

समय अपनी रफ़्तार से चल रहा था किसी को खबर भी नहीं हुई और  ये दोनों बड़े होते चले गए देखते ही देखते दोनों 16 साल के हो गए एक बार देर रात आकाश जिया के घर की खिड़की से जिया के रूम में घुसा जिया अपने बिस्तर पर लेती हुई थी


आकाश(फुसफुसाते हुए)- hey जिया…. सो गयी क्या मोटी….?


जिया को लगा खिड़की पर कोई है वो चिल्लाने ही वाली थी की आकाश बोल पड़ा


आकाश- ओये चिल्लाना मत. मै हूँ यार आकाश


जिया खिड़की तक गयी


जिया- आकाश इस समय तू यहाँ क्या कर रहा है पापा ने देख लिया तो बहुत गुस्सा करेंगे तू जा यहाँ से आकाश खिड़की से अंदर आ जाता है


जिया- ये क्या कर रहा है मै तुझे जाने के लिए बोल रही हूँ और तू अन्दर आ रहा है


आकाश- बाहर लटकता हुआ अच्छा नहीं लग रहा था पडोसी देखेंगे तो क्या सोचेंगे


जिया- तू पागल है क्या


आकाश- बचपन से अच्छा वो छोड़ मुझे कुछ पैसे उधार चाहिए


जिया - पहले से ही तुझे मेरे को Rs 1000 देने है न


आकाश- दे दूंगा ना। मै कहाँ भागा जा रहा हूँ


तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई है  “जिया तुम सो गयी क्या”


जिया- नहीं मम्मा बस सोने ही जा रही थी


जिया(आकाश से)- तू अलमारी में छुप जा. जल्दी!!!


काश अलमारी में जा के छुप जाता है और जिया दरवाज़ा खोलती है


आंटी- ये लो जिया ढूढ़ पी लो अच्छी नींद आएगी


जिया- मम्मा आपको पता है ना मुझे ढूध पीना पसंद नहीं है


आंटी- चल चुपचाप  पी ले अब वो आकाश को देख रोज़ ढूध पीता है ना


जिया ने कुछ सोचा और कहा "अच्छा ठीक है आप टेबल पर रख दो मै पी 
लुंगी।"


आंटी टेबल पर ढूध रख  कर चली गयी जैसे ही आंटी बाहर निकली आकाश अलमारी मे से निकला


आकाश- कितनी गर्मी थी अन्दर में बस मरने ही वाला था


जिया- ये ले ढूध पी ले


आकाश- लेकिन ये ढूध तो तेरे लिए है ना


जिया- तुझे पता है ना मुझे ढूध कितना पसंद है. चल अब चुपचाप पी ले 


आकाश- लेकिन...


जिया- पैसे चाहिए की नहीं...


आकाश- ये अच्छी ज़बरदस्ती है


जिया- कितने चाहिए?


आकाश- Rs 500


जिया- अबे क्या घर से भाग रहा है


आकाश- नहीं दोस्तों के साथ long drive पर जा रहा हूँ पेट्रोल के पैसे 
नहीं है


जिया पर्स से पैसे निकलते हुए “कब वापस देगा”


आकाश- जल्दी दे दूंगा मेरी जान


वो  जिया को किस किया और खिड़की से नीचे चला गया जिया खिड़की  पर कड़ी हो कर उससे जाते हुए देखी और मुस्कुराने लगी तभी उसकी मम्मी आई “ढूध पी लिया तुमने. Very good


जिया ठिठक गयी


आंटी - खिड़की पर क्या कर रहो ठण्ड लग जाएगी चलो खिड़की बंद करो


जिया वापस अपने बिस्तर पर आ कर लेट गयी

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